तो दोस्तों क्या आप गिरिराज यानी कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं। यानी कि क्या आप गिरिराज चालीसा का पाठ करते हैं। अगर नहीं तो आपको गिरिराज चालीसा का पाठ करना चाहिए। पर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं ये आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद पता चल जाएगा। क्योकि आज के इस आर्टिकल मे हम आपको गिरिराज पर्वत यानी कि गोवर्धन पर्वत के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आज हम आपको बताएंगे कि गिरिराज पर्वत कहां स्थित है, और यह क्यों प्रसिद्ध है, और हमें गिरिराज चालीसा का पाठ क्यों करना चाहिए। तो यह सब जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा। तो चलिए शुरू करते हैं।
असल में गोवर्धन पर्वत को ही भक्तजन गिरिराज पर्वत के नाम से जानते हैं। अगर बात करें गोवर्धन पर्वत कहां स्थित है, तो यह हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा नामक जिले के अंतर्गत स्थित है। गोवर्धन तथा इसके आसपास के क्षेत्र को ब्रजभूमि कहा जाता है। अगर बात करें इस स्थान के महत्व की तो यह स्थान श्री कृष्ण जी की लीला स्थली है क्योंकि इसी जगह में श्री कृष्ण जी ने इंद्र जी के प्रकोप से ब्रज वासियों को बचाने के लिए सिर्फ एक उंगली से ही गोवर्धन पर्वत को उठाया था, और ब्रज वासियों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था।
गिरिराज भगवान को प्रसन्न कैसे करें?
वैसे तो गोवर्धन जी महाराज का सिर्फ नाम लेने से ही गिरिराज भगवान यानी कि गोवर्धन भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं। कई लोग तो उत्तर प्रदेश जाकर यानी कि मथुरा जाकर इस पर्वत की परिक्रमा भी करते हैं, क्योकि मान्यता है की इसके एक परिक्रमा से ही हमारी सारी मनोकामना पूर्ण होती है, और हमें इनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन आप बिना मथुरा जाए भी अपने घर से ही गिरिराज भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। वह भी सिर्फ और सिर्फ giriraj chalisa की मदद से। अगर आप रोज giriraj chalisa का पाठ करते हैं, तो इससे आपको गोवर्धन जी महाराज की कृपा प्राप्त होती है।
Giriraj Chalisa का पाठ कैसे करें?
अगर आप भी गोवर्धन जी महाराज को प्रसन्न करने के लिए श्री Giriraj Chalisa का पाठ करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि इस चालीसा का पाठ करने के लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। आप अपने घर में अपने पूजा कक्षा में ही बैठकर इस चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इसके लिए आप जब भी आपको इस चालीसा का पाठ करना हो, उससे पहले स्नान करके अच्छे कपड़े पहन कर तैयार हो जाइए, और उसके बाद आपको अपने पूजा कक्ष मे जाकर गोवर्धन पर्वत का ध्यान करते हुए साथ ही श्री कृष्णा जी का ध्यान करते हुए इस चालीसा का पाठ करना है। जिससे कि आपको गोवर्धन जी महाराज की तो कृपा प्राप्त होगी ही, साथ ही श्री कृष्ण जी का भी आशीर्वाद आपको मिलेगा। क्योंकि गिरिराज चालीसा का पाठ श्री कृष्णा जी को भी अति प्रिय होता है।
जैसा कि आज हमने आपको गिरिराज यानी कि गोवर्धन पर्वत कहां स्थित है उसके बारे में जानकारी दी है। साथ ही साथ उन्हें प्रसन्न कैसे और किस प्रकार से किया जाए उसके बारे में भी बताया है। तो अगर आप भी चाहे तो सिर्फ और सिर्फ गिरिराज चालीसा का पाठ करके ही गोवर्धन जी महाराज को प्रसन्न कर सकते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।